PM POSHAN योजना पूरी भारत में लागू है, और यह देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यान्वित हो रही है। इस योजना के तहत 11.7 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने का लक्ष्य है, जो बालवाटिका से लेकर कक्षा 8 तक के छात्र हैं।
योजना का उद्देश्य विशेष रूप से गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को पोषक आहार प्रदान करना है, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिल सके। इस योजना का लाभ उन सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को मिलेगा, जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के तहत आते हैं।
प्रधान मंत्री पोषण योजना के तहत सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूलों को पोषण संबंधी लाभ सुनिश्चित किया जाता है, और यह एक राष्ट्रव्यापी योजना है।
योजना का उद्देश्य:
प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य भारत के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पोषक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान करना है। इस योजना का मूल उद्देश्य कुपोषण और बाल श्रम को रोकना, बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना और उन्हें बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देना है।
योजना की शुरुआत:
इस योजना की शुरुआत 2021 में की गई थी, और 2024 में इसे और विस्तृत किया गया है। अब यह योजना 11.7 करोड़ बच्चों को लाभ देने का लक्ष्य रखती है और यह पूरे भारत के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू है।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- लाभार्थी वर्ग:
- योजना का लाभ सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों को मिलेगा।
- यह योजना कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के बच्चों को कवर करती है।
- मुख्य रूप से गरीब और ग्रामीण इलाकों के बच्चों को यह योजना लाभान्वित करेगी।
- खाद्य सामग्री:
- बच्चों को गर्म, पका हुआ भोजन दिया जाता है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का सही मिश्रण होता है।
- भोजन में चावल, दाल, सब्जियां, दूध, फल, और अन्य पौष्टिक सामग्री शामिल होती है।
- पोषण की गुणवत्ता:
- योजना के तहत बच्चों को मिल रहा भोजन पूरी तरह से संतुलित और पोषक है, ताकि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
- इसके माध्यम से बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
- योजना का क्षेत्र:
- यह योजना पूरे भारत में लागू है। भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसका लाभ बच्चों को मिल रहा है।
- इस योजना के तहत 10.24 लाख स्कूलों में 11.7 करोड़ बच्चों को कवर किया जा रहा है।
- योजना के लाभ:
- पोषण में सुधार: बच्चों को पोषक आहार मिल रहा है, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
- स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना: बच्चों के लिए खाने का आकर्षण एक कारक है, जो उनकी स्कूल में उपस्थिति को बढ़ाता है।
- कुपोषण से बचाव: खासतौर पर गरीब बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करके कुपोषण को रोका जा रहा है।
- स्वास्थ्य लाभ: बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है।
- वित्तीय सहायता:
- इस योजना के लिए सरकार द्वारा उचित वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच सामंजस्य के तहत यह योजना क्रियान्वित होती है।
- स्वच्छता और सुरक्षा:
- भोजन की तैयारियों में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है।
- सुनिश्चित किया जाता है कि भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हो।
योजना का महत्व:
PM POSHAN योजना न केवल बच्चों के पोषण के स्तर को सुधारने में मदद करती है, बल्कि यह बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस योजना के तहत बच्चों को स्कूल में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषक आहार दिया जाता है, जिससे उनकी शिक्षा पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
निष्कर्ष:
PM POSHAN योजना बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उनके स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा को सुधारने में अहम भूमिका निभाती है। यह योजना गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए खासतौर पर फायदेमंद साबित हो रही है। 2024 में इसके विस्तार के साथ और भी बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है, और यह योजना भारत में बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
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